कुछ माह में 3 करोड़ का डीज़ल, बिना निर्माण 98 लाख का भुगतान – बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा
जौनपुर। नगर पालिका परिषद जौनपुर में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में अचानक माहौल गर्मा गया, जब कई सभासद जमीन पर बैठकर धरना देने लगे और पालिका प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
सभासद दीपक जायसवाल ने खुलासा किया कि पालिका प्रशासन ने महज़ कुछ ही माह में लगभग 3 करोड़ रुपये का डीज़ल खर्च दिखा दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी खपत असंभव है और यह साफ तौर पर “तेल का खेल” है।
इसी के साथ सभासदों ने यह भी आरोप लगाया कि बिना निर्माण कार्य कराए ही 98 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। उनका कहना था कि यह पूरा खेल मिलजुलकर किया गया है और जनता के टैक्स के पैसे का खुला दुरुपयोग हो रहा है।
सभा में मौजूद अन्य सभासदों ने भी इन आरोपों का समर्थन किया। नारेबाज़ी के बीच उन्होंने कहा कि नगर पालिका अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है। उनका साफ कहना था कि जब तक गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच नहीं होती, विरोध और आंदोलन जारी रहेगा।
धरना दे रहे सभासदों का कहना था, “यह जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है। इसे लूटने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अगर प्रशासन ने ठोस जवाब नहीं दिया तो हम मामला उच्च स्तर तक ले जाएंगे।”
यह पहली बार था जब बोर्ड बैठक के भीतर ही सभासदों को जमीन पर बैठकर विरोध करना पड़ा। इस घटनाक्रम ने न सिर्फ पालिका की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं बल्कि राजनीतिक भूचाल के संकेत भी दे दिए हैं।
स्थानीय नागरिक भी इस प्रकरण को लेकर गुस्से में हैं। व्यापारी राजेश गुप्ता ने कहा, “हमारा खून-पसीने का पैसा टैक्स के रूप में जाता है, और अगर उसका ऐसा दुरुपयोग हो रहा है तो यह जनता के साथ सीधा धोखा है।” वहीं मोहल्ले की निवासी रीना सिंह ने कहा, “सड़क और नालियां टूटी पड़ी हैं, सफाई का हाल बेहाल है, लेकिन करोड़ों रुपये डीज़ल और फर्जी भुगतान में खर्च दिखाए जा रहे हैं। अब जनता चुप नहीं बैठेगी।”
सभासदों और नागरिकों ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि आरोप सही पाए गए तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उधर सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन ने भी इस पूरे प्रकरण पर नज़र बनाई हुई है और जल्द ही जांच कमेटी गठित की जा सकती है।