तुलसी जयंती पर मानस चिंतन संग राम भक्ति की सरिता बही

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ब्राह्मण चेतना मंच के तत्वावधान में हुआ भावपूर्ण आयोजन
जौनपुर।
गोस्वामी तुलसीदास जयंती के पावन अवसर पर ब्राह्मण चेतना मंच द्वारा एक भव्य और भावनात्मक आयोजन राष्ट्रमंडल स्थित समिति कार्यालय में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ने किया, जिसमें मानस मर्मज्ञ विद्वानों ने श्रीरामचरितमानस की महत्ता, प्रासंगिकता और आध्यात्मिक सार को विविध दृष्टिकोणों से प्रस्तुत किया।

मुख्य वक्ता प्रो. आर.पी. ओझा ने भगवान श्रीराम और सीता के प्रेम तत्व को गहराई से समझाते हुए मानस के प्रसंगों को हृदयस्पर्शी ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “कलियुग में मोक्ष का सर्वसुलभ साधन श्रीरामचरितमानस ही है, जो जीवन को दिशा और ऊर्जा देता है।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पं. रामकृष्ण त्रिपाठी ने तुलसीदास के जीवन को आत्मकथा शैली में सामने रखते हुए वर्षा ऋतु, भक्ति तत्व और मानस के भावार्थों की विषद व्याख्या की।

मुख्य अतिथि पं. श्रीपति उपाध्याय ने राम नाम की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा, “रामचरितमानस केवल ग्रंथ नहीं, जीवन की ऊर्जा है।” उन्होंने मानस के मार्मिक प्रसंगों की व्याख्या करते हुए इसके सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित किया।

विशिष्ट वक्ता सभाजीत द्विवेदी ‘प्रखर’ ने कहा कि “रामचरितमानस न केवल काव्य रस देता है, बल्कि जीवन संचालन की कला भी सिखाता है।” प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने कहा, “आज व्यक्ति नहीं, उसका ‘मानस’ विकृत होता जा रहा है। अगर मानस को सुधारना है तो घर-घर श्रीरामचरितमानस का पाठ आवश्यक है।”

इस अवसर पर कई विशिष्टजन उपस्थित रहे जिनमें प्रमुख रूप से प्रभाकर त्रिपाठी, डॉ. राम अवध यादव, पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र प्रताप सिंह, संत प्रसाद राय, दयाशंकर राय, पं. रामदयाल द्विवेदी, देवी सिंह, अश्वनी तिवारी, कौशल त्रिपाठी, गायत्री परिवार के कँकनेश सिंह तथा श्याम मोहन अग्रवाल शामिल रहे।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए प्रसाद वितरण किया।

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