संवाददाता: आनंद कुमार
जौनपुर, चंदवक।
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुधवार को जौनपुर में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन डोभी क्षेत्र के ब्रह्मानपुर गांव के लोकतंत्र सेनानी संघ के अध्यक्ष डॉ. नरसिंह बहादुर सिंह के नेतृत्व में किया गया। जौनपुर जिला अधिकारी दिनेश चंद्र सिंह और बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखनाथ पटेल ने डॉ. नरसिंह बहादुर सिंह को अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर जौनपुर प्रेक्षागृह सभागार में आपातकाल की यादों को ताजा करने के लिए विशेष चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। इसके साथ ही, आपातकाल से जुड़े घटनाक्रम पर आधारित वीडियो का प्रदर्शन भी किया गया। लोकतंत्र सेनानियों ने अपने संघर्षपूर्ण अनुभव साझा करते हुए उपस्थित लोगों को प्रेरित किया।
संघर्ष की कहानियां बनीं प्रेरणा का स्रोत
कार्यक्रम में डॉ. नरसिंह बहादुर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे अंधकारमय दिन था। उस समय जिन लोगों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की, वे आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह दिन हमें लोकतंत्र की रक्षा और उसके मूल्यों के प्रति जागरूक रहने का संकल्प लेने का अवसर देता है। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के लिए गोल्डन कार्ड, पेंशन योजनाओं और उनके आश्रितों को सम्मान राशि प्रदान करने के लिए सरकार से नीतिगत संशोधन की मांग की।
भविष्य के लिए संकल्प
इस कार्यक्रम ने न केवल आपातकाल के कठिन दिनों की याद दिलाई, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के प्रति नई पीढ़ी को जागरूक करने का संदेश भी दिया। आयोजन के अंत में सभी उपस्थित जनों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क और प्रतिबद्ध रहने की शपथ ली।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से आए गणमान्य व्यक्तियों ने लोकतंत्र सेनानियों के अदम्य साहस और योगदान की सराहना की।