पूर्वांचल लाइफ ब्यूरो
ठाणे। ठाणे खाड़ी के तट पर फैला मैंग्रोव पारिस्थिति की तंत्र जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है तथा पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक है। लेकिन हाल के दिनों में ठाणे क्षेत्र, विशेषकर मुंब्रा, भोपाल और नवघर के क्षेत्रों में मैंग्रोव वन क्षेत्रों पर अतिक्रमण करने वाली झुग्गियों और अनधिकृत निर्माणों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस पृष्ठभूमि में, ठाणे वन विभाग ने पिछले चार महीनों में कठोर कार्रवाई की है और कंडल वन भूमि के कुल 0.41 हेक्टेयर क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। 2004 की सुनामी के बाद मैंग्रोव वनों के संरक्षण का वैश्विक महत्व उजागर हुआ। हालाँकिए ठाणे और मुंबई जैसे शहरी क्षेत्रों में शहरीकरण और भू. माफियाओं द्वारा अतिक्रमण के कारण यह प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में है। इस तरह के अतिक्रमण के संबंध में वन विभाग सूचना मिलते ही कार्रवाई करता है। ठाणे पूर्व वन विभाग के कंदलवन प्रभाग ने पिछले चार महीनों में कठोर कार्रवाई की है। वन मंडल अधिकारी दीपक खाड़े और सहायक वन संरक्षक ज्ञानेश्वर रक्षे के मार्गदर्शन में मुंब्रा में सर्वे क्रमांक 16. 17. 20 और 24 में बड़े पैमाने पर झोपड़ियों का निर्माण किया गया। यहां अप्रैल माह में चलाए गए अभियान में लगभग 40 से 50 झोपड़ियां ध्वस्त कर दी गईं तथा 0.29 हेक्टेयर भूमि पुनः प्राप्त की गई। यह जानकारी कंदलवन जोन अधिकारी मनीष पवार ने दी।
भोपाल क्षेत्र का सर्वे नं जनवरी माह में 252 ;1 से 4 पर बने 21 अनधिकृत कच्चे व पक्के मकानों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। इस अभियान के माध्यम से लगभग 0ण्06 हेक्टेयर क्षेत्र को साफ किया गया। अप्रैल माह में नवघर में सर्वे क्रमांक 15 में 8 से 10 अतिक्रमित झोपड़ियों तथा मोजे राय में सर्वे क्रमांक 111 में 10 से 12 अतिक्रमित झोपड़ियों को हटाया गया। इससे 0ण्06 हेक्टेयर क्षेत्र वन विभाग के नियंत्रण में आ गया है।
ठाणे विभाग की वन क्षेत्र अधिकारी ; मैंग्रोज, मनीष पवार ने बताया कि वन विभाग अब इस साफ की गई भूमि पर मैंग्रोव पुनरुद्धार और वृक्षारोपण अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। इसमें स्थानीय गैर सरकारी संगठनोंए स्कूलों और कॉलेजों तथा पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिकों को शामिल किया जाएगा। यह अभियान न केवल भूमि की रक्षा करेगाए बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए समृद्ध जैव विविधता और पर्यावरण सुरक्षा के निर्माण की दिशा भी प्रदान करेगा।