धार्मिक मंच पर सियासी कब्ज़े की जंग!

Share

रहमानिया सीरत कमेटी में कांग्रेस नेताओं के दख़ल से बढ़ा बवाल

जौनपुर।
ढडियाना टोला स्थित रहमानिया सीरत कमेटी इन दिनों सियासी रस्साकशी का अड्डा बन गई है। मोहल्ले की परंपरा और भाईचारे से चलने वाली इस कमेटी पर कांग्रेस से जुड़े एक दबंग सभासद और नगर अध्यक्ष के दख़ल ने विवाद को तूल दे दिया है।

कमेटी के मौजूदा सदर नासिर जौनपुरी का आरोप है कि दोनों नेता दबंगई और धमकी के बल पर कमेटी का नियंत्रण हथियाना चाहते हैं। नासिर ने साफ़ कहा कि कमेटी का चुनाव हमेशा मोहल्ले की राय और सहमति से होता आया है।

✦ चुनाव और विवाद की कहानी

2017 में दानिश इक़बाल को सदर चुना गया था। इसके बाद 2022 में आम सहमति से नासिर जौनपुरी को ज़िम्मेदारी सौंपी गई। उनके नेतृत्व में 2023 का जलसा और जुलूस शांति से सम्पन्न हुआ। लेकिन 2024 में अचानक शाहनवाज़ मंज़ूर ने खुद को सदर घोषित कर दिया।

मामला बढ़ा तो डॉ. अब्दुल क़ादिर की मध्यस्थता से सुलह हुई और यह तय हुआ कि नासिर जौनपुरी ही कमेटी के सदर रहेंगे। मगर बीते 26 अगस्त को शाहनवाज़ मंज़ूर ने कांग्रेस नगर अध्यक्ष आरिफ़ ख़ान को नया सदर घोषित कर एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया।

✦ मोहल्ले में गुस्सा

इस कदम से मोहल्ले के लोगों में गहरी नाराज़गी है। उनका कहना है कि धार्मिक आयोजन को राजनीतिक स्वार्थ और दबंगई की भेंट चढ़ाया जा रहा है। कई स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि यही नेता पहले भी अंजुमन इदरीसिया और मरकज़ी सीरत कमेटी में हस्तक्षेप कर बवाल खड़ा कर चुके हैं।

✦ लोगों की दो-टूक राय

रहमानिया सीरत कमेटी से जुड़े लोगों ने साफ़ कहा –
“यह संगठन मोहल्ले की आस्था और सहयोग से चलता है, इसे किसी भी कीमत पर राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे।”

फिलहाल कांग्रेस नगर अध्यक्ष और संबंधित सभासद की ओर से इस विवाद पर कोई सफाई सामने नहीं आई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!