पत्रकार को सरकारी समूह से जोड़े जाने की मांग, जिला सूचनाधिकारी की अनदेखी पर नाराज़गी

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भदोही। जिले के युवा पत्रकार धनंजय राय, जो एक प्रतिष्ठित टीवी चैनल में ब्यूरो चीफ के पद पर कार्यरत हैं, ने जिला प्रशासन के कार्यों में सहयोग हेतु अपने नए मोबाइल नंबर को सरकारी सूचना समूह में जोड़ने की मांग की है। लेकिन बार-बार अनुरोध के बावजूद, जिला सूचनाधिकारी द्वारा उन्हें समूह में नहीं जोड़ा गया है, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है।

मामले का विवरण

धनंजय राय, निवासी ग्राम जगन्नाथपुर, थाना चौरी, ने बताया कि उनका पूर्व मोबाइल नंबर 8181811497 कुछ शरारती तत्वों द्वारा हैक कर लिया गया था। इस मामले की जांच भदोही पुलिस अधीक्षक द्वारा की जा रही है। इस बीच उन्होंने नया नंबर 9453532454 लिया और 26 जून 2025 को इसका लिखित विवरण, साथ ही अपनी नियुक्ति पत्र की प्रतिलिपि, जिला सूचना कार्यालय में सौंप दी।

उन्होंने जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारियों से अनुरोध किया कि उन्हें सरकारी समाचार समूह में जोड़ा जाए, ताकि वे अपने पत्रकारिता कार्य में बाधा रहित रूप से समाचार संकलन कर सकें। लेकिन, उनके सभी प्रयास अनसुने रहे हैं।

समाचार संकलन में आ रही बाधाएं

धनंजय राय का कहना है कि सरकारी समाचार और घटनाओं से जुड़ी जानकारी समय पर न मिलने के कारण उन्हें समाचार संकलन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बार-बार जिला सूचना अधिकारी से संपर्क किया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

डीएम से गुहार

समस्या के समाधान के लिए पत्रकार धनंजय राय ने जिलाधिकारी को लिखित रूप में प्रार्थना पत्र देकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि उन्हें सरकारी समूह में जोड़ा जाए ताकि वे सही और सटीक रूप से अपने पत्रकारिता कार्य का निर्वहन कर सकें।

मीडिया के प्रति प्रशासन की उदासीनता पर सवाल

यह मामला मीडिया और प्रशासन के बीच संवाद और सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करता है। जिला सूचना अधिकारी द्वारा पत्रकार को सरकारी सूचना समूह से वंचित रखना समझ से परे है। धनंजय राय ने प्रशासन से इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की अपील की है।

निष्कर्ष:
भदोही जैसे संवेदनशील जिले में पत्रकारिता का कार्य आसान नहीं है। सरकारी समाचार समूह में शामिल न किए जाने से न केवल पत्रकार की कार्यक्षमता पर असर पड़ रहा है, बल्कि यह पारदर्शिता और सहयोग की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े करता है। जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारियों को इस पर गंभीरता से विचार करते हुए तुरंत समाधान करना चाहिए।

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