जौनपुर में अवैध गांजा व्यापार: कौन है जिम्मेदार?

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मादक पदार्थ का फलता-फूलता गोरखधंधा

जौनपुर जिले में अवैध गांजा व्यापार तेजी से अपने पांव पसार रहा है। यह समस्या न केवल कानून और व्यवस्था के लिए चुनौती बन चुकी है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को प्रभावित कर रही है। कमलोकारी प्रयासों के बावजूद, यह व्यापार गहरी जड़ें जमा चुका है। सवाल यह उठता है कि इस समस्या के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है?

अवैध गांजा व्यापार की स्थिति

जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में गांजा आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

खुले बाजार: स्थानीय बाजारों, गली-मोहल्लों और यहां तक कि स्कूल-कॉलेजों के पास यह व्यापार खुलेआम चल रहा है।

युवाओं पर प्रभाव: किशोर और युवा इस लत का शिकार बन रहे हैं। इसका असर उनकी शिक्षा और करियर पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

सामाजिक दुष्प्रभाव: परिवार टूट रहे हैं और अपराध दर बढ़ रही है।

कौन हैं जिम्मेदार?

1.स्थानीय तस्कर और संगठित गैंग

जिले में अवैध गांजा लाने और वितरित करने का काम तस्करों और संगठित गैंगों द्वारा किया जा रहा है।

ये तस्कर दूरस्थ क्षेत्रों से गांजा मंगाते हैं और जिले में इसकी आपूर्ति करते हैं।

2.प्रशासन की निष्क्रियता

नारकोटिक्स और आबकारी विभाग पर कार्रवाई में ढिलाई बरतने का आरोप है।

कई बार इन विभागों पर तस्करों से मिलीभगत के आरोप भी सामने आए हैं।

3.समाज की उदासीनता

समाज में जागरूकता की कमी है। लोग इसे अपने जीवन से जुड़ा मुद्दा नहीं मानते।

समस्या के प्रति चुप्पी और उदासीनता ने इस व्यापार को पनपने दिया है।

प्रशासन के प्रयास

पुलिस और प्रशासन ने समस्या पर काबू पाने के लिए कुछ कदम उठाए हैं।

विशेष अभियान: अवैध गांजा तस्करों को पकड़ने के लिए छापेमारी तेज की गई है।

संपत्ति जब्ती: तस्करों की संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है।

जागरूकता कार्यक्रम: स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं को मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

समाधान के उपाय

1.सख्त कानून और उनका पालन:

तस्करों और उनके नेटवर्क को समाप्त करने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं।

प्रशासन को सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

2.समाज की भागीदारी:

लोगों को इस समस्या के प्रति जागरूक करना होगा।

समाज को सक्रिय भूमिका निभानी होगी, ताकि इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास किए जा सकें।

3.युवाओं के लिए वैकल्पिक साधन:

खेल, सांस्कृतिक गतिविधियां और शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए रचनात्मक विकल्प प्रदान किए जाएं।

निष्कर्ष

अवैध गांजा व्यापार से जौनपुर जिले को मुक्त करने के लिए प्रशासन, समाज और परिवारों को मिलकर काम करना होगा। यह केवल कानून और व्यवस्था का मसला नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति को बचाने का मुद्दा है। सामूहिक प्रयासों और प्रतिबद्धता से ही इस गोरखधंधे पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

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