होमगार्ड ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार
जौनपुर। जिले के जफराबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम जमैथा निवासी स्वतंत्र कुमार यादव ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसपी) को एक प्रार्थना पत्र देकर एक गंभीर आरोप दर्ज कराया है। स्वतंत्र, जो पिछले 16 वर्षों से होमगार्ड के पद पर कार्यरत हैं, ने थाना लाइन बाजार के सिविल लाइन्स चौकी के इंचार्ज सुरेश सिंह और दीवान मिथिलेश पर जबरन रुपये वसूली का आरोप लगाया है।
घटना का विवरण
स्वतंत्र कुमार ने बताया कि यह घटना 25 मई 2025 को शाम लगभग 5 बजे की है। उनके रिश्तेदार की गाड़ी (नंबर GA07N6264) होटल रिवर व्यू के पास एक अन्य वाहन से टकरा गई। इस टक्कर के बाद विवाद को शांत करने के लिए उनके रिश्तेदार ने गाड़ी मालिक को 5,000 रुपये मुआवजे के रूप में दिए और वहां से चले गए।
हालांकि, इसके कुछ समय बाद, जब उनके रिश्तेदार अम्बेडकर तिराहा पहुंचे, तो 4-5 अज्ञात व्यक्तियों ने उनकी गाड़ी रोक ली। उन्होंने खुद को सिविल लाइन्स चौकी इंचार्ज का करीबी बताया और गाड़ी को जबरन पुलिस चौकी ले गए।
पुलिस चौकी पर धमकी और वसूली
स्वतंत्र कुमार ने बताया कि इस घटना के तुरंत बाद उन्हें फोन कर पुलिस चौकी बुलाया गया और 25,000 रुपये लाने के लिए मजबूर किया गया। जब वह चौकी पहुंचे, तो दीवान मिथिलेश ने उनसे 10,000 रुपये UPI के माध्यम से देने को कहा। इसके बाद, जब स्वतंत्र ने गाड़ी ले जाने का प्रयास किया, तो चौकी इंचार्ज सुरेश सिंह ने उन्हें “हिस्सा” देने की मांग की।
जातिसूचक गालियां और धमकियां
स्वतंत्र कुमार ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अपना परिचय दिया, तो चौकी इंचार्ज सुरेश सिंह ने जातिसूचक गालियां दीं और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। सुरेश सिंह ने यह भी कहा कि वह किसी भी शिकायत का निपटारा 25,000 रुपये से कम में नहीं करते। जब स्वतंत्र ने गाली-गलौज का विरोध किया, तो सुरेश सिंह ने उन्हें धमकाते हुए और पैसे देने के लिए बाध्य किया।
एटीएम से जबरन पैसे निकलवाने का आरोप
इस पूरी घटना में स्वतंत्र के रिश्तेदार को एटीएम ले जाकर जबरन पैसे निकलवाने पर भी मजबूर किया गया। स्वतंत्र ने बताया कि इस घटना के कारण उन्हें न केवल आर्थिक, बल्कि मानसिक और सामाजिक अपमान भी झेलना पड़ा।
न्याय की गुहार और सबूत
स्वतंत्र कुमार ने इस घटना के सबूत के रूप में एक ऑडियो क्लिप भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सौंपी है। उन्होंने चौकी इंचार्ज सुरेश सिंह और दीवान मिथिलेश के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस प्रशासन की छवि पर सवाल
यह मामला न केवल व्यक्तिगत स्तर पर स्वतंत्र कुमार के लिए कष्टकारी है, बल्कि पुलिस प्रशासन की छवि को भी दागदार करता है। अब देखना यह होगा कि वरिष्ठ अधिकारी इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय करते हैं।
यह घटना पुलिस विभाग में अनुशासन और ईमानदारी की आवश्यकता को फिर से उजागर करती है।