ग्रामीणों को खुले में शौच की मजबूरी
ग्राम प्रधान की उदासीनता से बढ़ी समस्या
धनंजय राय ब्यूरो/पूर्वांचल लाईफ
भदोही विकासखंड डीघ के ग्राम पंचायत सीकी चौरा में पूर्व प्रधान के कार्यकाल में निर्मित सामुदायिक शौचालय वर्तमान में पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान की उदासीनता के कारण यह शौचालय उपयोग में नहीं आ रहा है। इतना ही नहीं, आरोप है कि पूर्व प्रधान द्वारा लगाए गए समरसेबल पंप को भी प्रधान ने उखाड़ दिया, जिससे पानी की सुविधा भी समाप्त हो गई है।
शौचालय बंद होने के कारण गांव के लोगों को फिर से खुले में शौच करने की मजबूरी हो गई है। सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के लिए सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया था, लेकिन ग्राम प्रधानों की लापरवाही के कारण यह उद्देश्य विफल होता नजर आ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान प्रधान की लापरवाही और अनदेखी के कारण शौचालय का संचालन बंद पड़ा है। पानी की सुविधा भी खत्म कर दी गई, जिससे शौचालय पूरी तरह अनुपयोगी हो गया है। ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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प्रशासन से शिकायत, जल्द समाधान की मांग
भदोही। गांव के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि शौचालय का संचालन जल्द शुरू नहीं किया गया तो वे विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शौचालय की सफाई, पानी की व्यवस्था और नियमित संचालन सुनिश्चित करने की अपील की है।
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सरकार के स्वच्छता अभियान पर उठ रहा है सवाल
सरकार ने स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन ग्राम प्रधानों की लापरवाही के कारण इसका लाभ ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पा रहा है। सीकी चौरा का सामुदायिक शौचालय इसका जीता-जागता उदाहरण है। प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करे, ताकि ग्रामीणों को स्वच्छता की सुविधा मिल सके।