पूर्वांचल लाईफ/पंकज सीबी मिश्रा, पत्रकार
जौनपुर न्यूज: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले और फैजाबाद लोकसभा में आने वाली मिल्कीपुर विधानसभा सीट के वोटरों ने इस उपचुनाव में ही आजादी के बाद से अब तक के मतदान के सारे रिकॉर्ड तोड़ तोड़ दिए है। आपको बता दें कि 1967 में बनी मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर इससे पहले 15 बार चुनाव हुए हैं। इस बार फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के विधानसभा सीट छोड़ने पर मिल्कीपुर में उपचुनाव हो रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक चुनाव में मतदान के बाद शाम 5 बजे तक मिल्कीपुर सीट पर 65.25 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड हुआ। मिल्कीपुर में इससे पहले अब तक का सबसे ज्यादा मतदान 60.58 परसेंट था। आम तौर पर उपचुनाव में कम वोट पड़ते हैं लेकिन मिल्कीपुर सीट ने इस धारणा को ना सिर्फ तोड़ा है बल्कि एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। रणनीति को अमल में लाने में सपा की तुलना में भाजपा आगे दिखी। इसके पीछे प्रमुख वजह उसकी सांगठनिक मजबूती और राम मंदिर निर्माण को माना जा रहा है। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कैडर भी बिना किसी दिखावे के अपना काम करता नजर आया है इस उपचुनाव में। हालांकि सपा प्रत्याशी के सांसद पिता की घड़ियाली आंसू कितना काम करेंगे यह आज पता चल जायेगा। मतदान के दौरान रिपोर्ट में अमानीगंज ब्लॉक के कुछ बूथों पर भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला तो कुछ बूथों पर एकतरफा दिखा। घटौली, नदौली, कोटिया, खंडासा, रामनगर अमावासूफी, धरौली, देवरा, चितौरा, गोकुल, पूरब गांव, सिधौना, जोरियम, कुमारगंज, बिरौली झाम, डीली गिरधर, कलंदरपुर, कहुंगा व कुचेरा पोलिंग बूथों पर भाजपा एकतरफा दिखी। वहीं, सतनापुर, नौगवां, डूडी, तुलापुर, मिश्रौली, अटेसर, मंझनपुर, अलीपुर खजुरी, धरमगंज, सिड़सिड़, बलारमऊ, सरूरपुर, अंजरौली, निमाड़ी, अछोरा, इनायतनगर, बारून व खिहारन पोलिंग बूथों पर भाजपा-सपा के बीच कांटे का मुकाबला दिखा। कुछ बूथों पर समाजवादी पार्टी भी एकतरफा दिखी। मिल्कीपुर में अब किसकी मिल्कियत यह देखनादिलचस्प हो गया।अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट इस सीट पर 5 फरवरी को मतदान हुआ है। मिल्कीपुर सीट पर कब कौन रहा विजेता और क्या है सीट के सियासी समीकरण। जानेंगे विद्वानों से सब कुछ। इस चुनाव में सभी पार्टियां जातीय समीकरण साधने की कोशिश में लगी हैं। आखिर क्यों यूपी की हॉट सीट बनी मिल्कीपुर ? और क्या कहता है सीट का जातीय समीकरण। लोकसभा चुनाव के बाद से ही यह सीट लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। फैजाबाद से सपा सासंद अवधेश प्रसाद इस सीट से विधायक थे। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और अब सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर से चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पहले सुन लेते है मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर बीजेपी सपा क्या कह रही है। इससे पहले नवंबर 2024 में यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इनमें से 7 सीटों पर बीजेपी, जबकि दो सीटों पर सपा ने जीत दर्ज की थी। करहल और सीसामऊ सीट पर समाजवादी पार्टी ने झंडा फहराया था तो बाकी सात सीटों पर भाजपा ने बाजी मारी थी। वहीं मिल्कीपुर उपचुनाव कोर्ट में डाली गई एक याचिका की वजह से टल गई थी। वहीं याचिका वापस लेने के बाद अब मिल्कीपुर में उपचुनाव होने जा रहा है। हम पहले ये जान लेते है कि इस सीट पर कब कौन विजेता रहा है। 1967- रामलाल मिश्र, कांग्रेस, 1969- हरिनाथ तिवारी,भारतीय जनसंघ, 1974- धरम चंद्र, कांग्रेस, 1977- मित्रसेन यादव, सीपीआई , 1980- मित्रसेन यादव, 1985- मित्रसेन यादव, 1989- बृज भूषण मणि त्रिपाठी, कांग्रेस 1991- मथुरा प्रसाद तिवारी, 1993- मित्रसेन यादव,1996- मित्रसेन यादव, 1998 (उपचुनाव)- राम चन्द्र यादव, सपा 2002- आनंद सेन यादव, सपा 2004 (उपचुनाव)- राम चन्द्र यादव, सपा 2007- आनंद सेन यादव, बसपा 2012- अवधेश प्रसाद, सपा 2017- बाबा गोरखनाथ, बीजेपी, 2022- अवधेश प्रसाद,सपा चुने गए है!