वक्ताओ ने हजरत उस्मान गनी के जीवन पर प्रकाश डाला
जौनपुर। बड़ी मस्जिद के निकट कल देर शाम बाद नमाज इशा शाहदत उस्मान ए गनी (रअ.) के सिलसिले से एक जलसे का आयोजन हुआ। उक्त जलसे की अध्यक्षता साहब सिद्दीकी ने की और संचालन नेयाज ताहीर शेखू ने किया। जलसे की शुरूआत हाफिज मोहम्मद जावेद ने तेलावते कलाम पाक से किया।जलसे को सम्बोधित करते हुये मौलाना वसीम अहमद शेरवानी ने कहा कि उस्मान ए गनी की शहादत उस वक्त हुयी जब वह कुरआन पढ़ रहे थे। जिससे हम मुसलमानों को यह सबक लेना चाहिए कि हमको नमाज व कुरआन का पाबंद होना चाहिए। वह गनी के लकब से नवाजे गये उस्मान ए गनी को यह सर्फ हासिल था कि उनके निकाह में रसुल की दो दो बेटियां थी। इसीलिए वह जिन्नुरैन कहलाये। मौलाना ने आगे कहा कि आज हम सबको उस्मान ए गनी की सिरत पर अमल करना चाहिए।
आखिर में मुल्क में अमन व चैन के लिए दुआ के साथ जलसा का समापन्न हुआ। इस मौके पर मुख्य रूप से हफ़ीज़ शाह, फैज़ अहमद, रियाजुल हक, शोएब खा अच्छु, सद्दाम हुसैन, बेलाल, आदि लोग मौजूद रहे।