लकीरों में भी सब बिखरा हुआ है दूर ही रहना
मुकद्दर का भी कुछ लिक्खा हुआ है दूर ही रहना
तुम्हारे पास अच्छे लोग हैं तुम को मुबारक हो
हमारे पास सब बिगड़ा हुआ है दूर ही रहना
किसी की याद में हर वक़्त रोने से तो बेहतर है
जुदा होना ही था बिछड़ा हुआ है दूर ही रहना
कहानी मत सुनाओ चाँद तारों की ऐ शहज़ादी
बसेरा अब यहाँ उजड़ा हुआ है दूर ही रहना
तुम अपनी बात पर क़ायम नहीं मर्ज़ी तुम्हारी ये
हमारा छन से मन टूटा हुआ है दूर ही रहना
ये सरहद बन गई जो टूटने से मिट नहीं सकती
अलग होने से ये हिस्सा हुआ है दूर ही रहना
वंदना
अहमदाबाद
24/06/2024