जौनपुर। सुईथाकला अति प्राचीन और ऐतिहासिक धर्मस्थली देवी धाम बसौली के नाम से विख्यात शीतला माता का मंदिर सुदूर जनपदों के लिए भक्ति श्रद्धा और आस्था का महत्वपूर्ण व प्रमुख केंद्र है। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी सायं काल मंदिर के पुजारी पंडित रमेश तिवारी व क्षेत्र वासियों के सौजन्य से काशी से पधारे ब्राह्मणों द्वारा भव्य गंगा आरती का आयोजन करवाया गया। गंगा आरती में शामिल होने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। आरती में क्षेत्र की महिलाओं, कन्याओं और पुरुषों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।देवी पोखरा को विद्युत बल्ब और विभिन्न प्रकार से सजाया गया था जिसकी मनोहर और आकर्षक शोभा देखते ही बन रही थी। बसौली माई के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। शंख ध्वनि और ओम प्रणव की गूंज से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा। सुंदर नजारे को उपस्थित लोग अपपलक नेत्रों से देखते ही रहे। गंगा मां का पूजन करके गंगा के प्रदूषण को रोकने और जल संरक्षण के लिए लोगों ने संकल्प लेकर प्रकृति संतुलन का संदेश दिया। गंगा की आरती पर बनारस की गंगा आरती की अमिट छाप स्पष्ट रूप से देखी जा सकती थी। गंगा मां को धूप -दीप और नैवेद्य चढ़ाए गए। मंदिर के पुजारी ने बताया कि मां गंगा जीवन दायिनी हैं जिनके सुरक्षित रहने पर ही समस्त सृष्टि का अस्तित्व कायम है।उन्होंने बताया कि गंगा आरती का उद्देश्य संपूर्ण सृष्टि का कल्याण है। जल ही जीवन है इसके बिना प्राणी मात्र ही नहीं बल्कि संपूर्ण सृष्टि की कल्पना ही नहीं की जा सकती। गंगा आरती में समस्त सृष्टि का कल्याण निहित है। गंगा को प्रदूषित होने के प्रति और जल के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी लोगों को जागरूक होना चाहिए। आयोजन को सकुशल संपन्न कराने में क्षेत्र वासियों और सहयोगियों का विशेष योगदान रहा। सुरक्षा की दृष्टि से थानाध्यक्ष त्रिवेणी सिंह के निर्देश पर उप निरीक्षक चंद्रमा पांडेय पुलिस फोर्स के साथ डटे रहे।
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