आक्रोशित ग्रामीणों ने लगाया नारा “पुल नहीं तो वोट नहीं”

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रिपोर्ट अशोक विश्वकर्मा

रामपुर अनंदोई ग्राम सभा में मगही नदी पर जर्जर पुल दुर्घटना को दे रहा न्योता

टूटी रेलिंग और जान जोखीम में डालकर लोग इस पार से उस पार पुल से जाने को है मजबूर

बताया जा रहा हैं कि बरसात के समय छोटी पुलिया पानी में डूब जाती है और लोगों को 13 किलोमीटर की दूरी अतिरिक्त तय करनी पड़ती है।

आजमगढ़। बिंद्राबाज़ार ब्लॉक मोहम्मदपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रामपुर आन्दोई के बीचो-बीच मगही नदी गुजरती है, जिसके एक तरफ वजीरमालपुर गांव और दूसरी तरफ रामपुर आन्दोई गांव है जबकि दोनों ग्राम की ग्राम पंचायत रामपुर अंनंदोई ही है और वजीरमलपुर गांव में सरकारी विद्यालय है, इस मंगई नदी पर बना पुल काफी जर्जर हो चुका। पुल काफी छोटा है जो एक पुलिया की तरह है, बरसात के समय में यहां पर आवागमन मुश्किल हो जाता है यह पुलिया बरसात के पानी में पूरी तरह डूब जाती है या यह कह लें की जब भी नदी में पानी का आवागमन बढ़ता है तो पुल उस पानी मे पांच फीट ज्यादा डूब जाता है और क्षेत्र के इर्द-गिर्द पानी फैल जाता है ग्रामीणों की माने तो उन्होंने बताया कि पुल के दोनों तरफ बाढ़ आने से जब मिट्टी बह जाती हैं तो हम सब लोग मिलकर इस को समतल करते हैं और पुल से जोड़ने का कार्य करते हैं इस पुल को बड़ा बनाने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन हर वर्ष बाढ़ आती है यह डूबता है और अधिकारियों को सूचना जाती है लेकिन पुल ज्यों का त्योहार जर्जर स्थिति में आज भी है इस पुल से सैकड़ो गांव के लोगों का आवागमन होता है जिसमें दो दर्जन गांवों के लोगों द्वारा लगातार आवागमन किया जाता है, जिसमें से प्रमुख रूप से मंगरावारायपुर, विषहम मिर्जापुर, सुरजनपुर, टेकमलपुर, खालिसपुर, जमालपुर, मदारपुर, खराटी, लहवरिया, बिंद्रा बाजार, बहोरापुर ऐसे और भी गांव हैं जिनका दिन में कई चक्कर बाजार आना जाना इस रास्ते से होता है लेकिन जब यह पुल डूब जाता है तो यही दूरी एक्स्ट्रा लगभग 13 किलोमीटर बढ़ जाती है, और लहबरिया बाजार से होकर ही बिंद्राबाज़ार जा सकता है जिसमें बाजार के लोगों द्वारा और गांव के लोगों द्वारा यह कहा गया है कि इसको जल्द से जल्द अगर व्यवस्थित करते हैं तो इस क्षेत्र में लोगों को काफी राहत होगी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुल को माननीय विधायक आलम बदी साहब के सहयोग से लगभग साढ़े सात लाख में बना था और यह लगभग 20 साल से ज्यादा हो चुका है लेकिन एक बार भी विधायक द्वारा भ्रमण नहीं किया गया अगर भ्रमण किया गया होता तो इस पर जरूर कुछ ना कुछ नया काम होता। इस संदर्भ में ग्रामीणों से बात करने पर विभिन्न ग्रामीणों ने अपने-अपने बातों को बताया।

संतोष यादव ने बताया कि यह काफी पुराना हो गया है इसकी मरम्मत की आवश्यकता है यदि बड़ा पुल बन जाता तो बड़े वाहनों का आवागमन भी शुरू हो जाता,
अरुण तिवारी ने बताया कि इस गांव में इस पुल से कई गांव के लोगों द्वारा आवागमन होता है लेकिन जब पानी भर जाता है तब हम सभी लोगों को काफी दिक्कत होती है। सोनू सिंह
ने बताया कि यहां पर पुल बरसात में पानी आने से 5-6 फीट नीचे चला जाता है कहीं दिखाई भी नहीं देता है इसके पूर्व रेलिंग ना रहने से स्कूली लड़के भी बह गए थे। गांव केवजीरमालपुर में विद्यालय है जहां पर सभी लड़कों को पढ़ने जाना पड़ता है बरसात के दिनों में जब यह पुल डूब जाता है तब लड़कों का स्कूल बंद रहता है जब पानी कम होता है तभी लड़के आ जा पाते हैं। वही यह भी बताया गया कि गांव के दूसरे हिस्से में जाने के लिए लगभग 13 से 14 किलोमीटर की ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है एक एक गांव से दूसरे गांव का संबंध कट जाता है वहीं कुछ किसानों के खेत नदी के इस पर से उसे पर भी हैं काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है बड़ा पुल होने से बड़ी गाड़ियों का भी आवागमन शुरू हो जाएगा।

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