छह माह बीत जाने के बाद भी नामजद आरोपितों पर हाथ डालने से कतरा रही पुलिस, आईजी ने पुलिस अधीक्षक क्षेत्राधिकारी कों किया आदेशित
पूर्वाचल लाईफ़/पंकज जायसवाल
शाहगंज/जौनपुर
कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत सबरहद गांव निवासी पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की निर्मम हत्या 13 मई को कर दिया गया था। नामजद आरोपित अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।जिसके चलते पुलिस के दामन दाग दार हों रहा है। वहीं पीड़ित परिजन न्याय की आस में आंखें पथरा गई है। शुक्रवार को मृतक के बड़े भाई संतोष श्रीवास्तव अन्य परिजनों के साथ पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र मोहित गुप्ता से मिल न्याय की गुहार लगाया। उन्हें पूरी घटना क्रम से अवगत कराया गया। बताया गया कि कैसे पूर्व में भी एक हत्या की साज़िश में भाई को जेल भेजने का प्रयास किया गया। वहीं भाई ने नामजद आरोपित नासिर जमाल से जान का खतरा बताया था। इस बावत वीडियो भी आईजी को दिखाया गया। मामले की गम्भीरता को संज्ञान में ले तत्काल पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी कों फोन कर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। मालूम रहे पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की सरेआम हत्या 13 मई को कर दिया गया था। जिसके बाद मृतक के बड़े भाई संतोष श्रीवास्तव ने नासिर जमाल कामरान उर्फ अर्फी समेत अन्य पर नामजद मामला दर्ज कराया था। बावजूद छह माह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी नासिर जमाल व अर्फी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। परिजनों ने आईजी से न्याय की गुहार लगाई है। इसके पूर्व परिजन मुख्यमंत्री से भी मिल चुकें हैं। भाई संतोष ने बताया कि आईजी को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया गया। किस तरह से भाई शासन प्रशासन के मंशानुरुप गो तस्करी गोकशी भू माफिया के विरुद्ध लड़ाई लड़ते रहे। जिसका खामियाजा उन्हें अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।