एतिहासिक चूड़ी मेला में पुरुषों के लिए प्रतिबंधित

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संवाददाता “पंकज जायसवाल”

जौनपुर। शाहगंज नगर गल्ले के कारोबार के लिए जाना जाता है। यहां पर हर साल ऐतिहासिक चूड़ी मेला लगता है जहां पुरुषों का प्रवेश नहीं होता है। इस मेले में केवल महिलाएं ही जा सकती हैं। इस बार यह मेला सोमवार से शुरू होगा और धनतेरस तक चलेगा। दुकानदार अपनी दुकानें लगाना शुरू कर दिए हैं। यहां करीब 100 से अधिक दुकानें लगती हैं और एक करोड़ से अधिक का कारोबार होता है।मान्यता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम जब सीता के साथ अयोध्या लौटे तो जनकदुलारी सीता ने यहीं पर अपनी सहेलियों के साथ श्रृंगार हाट पहुंचकर खरीदारी की थीं। इस स्थल से अयोध्या जनपद की सीमा करीब 60 किमी पड़ती है। जबकि अयोध्या शहर 100 किमी की दूरी पर है। मेला महिलाओं के लिए शुभ का प्रतीक माना जाता है। इस लिए इसमें महिलाएं खरीदारी के लिए जरूर जाती हैं।रामलीला समिति शाहगंज के अध्यक्ष संदीप जायसवाल बताया है कि मेला काफी पुराना है। यहां करीब 100 दुकानें लगती हैं और लगभग एक करोड़ का कारोबार होता है।

मान्यता है कि माता सीता ने अपनी सहेलियों के साथ खरीदारी की थी

स्थानीय नगर के चूड़ी मोहल्ला में लगने वाले इस ऐतिहासिक मेले की मान्यता है कि विजयदशमी के बाद मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद माता सीता अयोध्या के श्रृंगार हाट के लिये निकलीं जहां उन्होंने अपनी सहेलियों के साथ खरीददारी कीं। इसी मान्यता के मद्देनजर अयोध्या रूपी शाहगंज में श्री रामलीला समिति व चूड़ी मोहल्लावासियों के सहयोग से यह मेला आयोजित होता है।

इसकी एक खास बात यह है कि मेले में पुरूषों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। मेले के मद्देनजर दोनों छोर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये जाते हैं।जहां महिला पुलिस की भी ड्यूटी लगातीं है देखा जाता है कि मेले में स्थानीय दुकानदारों के अलावा गैरजनपद के लोग दुकान लगाये थे जिन्होंने आकर्षक चूडियों को सजाया था। वहीं नगर की तमाम महिलाओं सहित दूर-दराज से आये लोगों ने भी जमकर खरीददारी करती है।

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