जौनपुर। हज़रत शेख़ मोहम्मद फ़ाज़िल शाह (र.अ.) का उर्स मुबारक़ अपनी पुरानी परम्पराओ के मुताबिक मनाया गया। जिसमें सबसे पहले उर्स का आगाज़ बाद नमाज़ फ़ज़िर तिलावत-ए-क़ुरानपाक से हुआ। बाद नमाज़ जोहर बाबा का लंगर चला, बाद नमाज़ असर जुलूस-ए-चादर,बाद नमाज़ मग़रिब बाबा की चादर चड़ाई गयी, जिसमे हज़रत मौलाना शमसुद्दीन,हज़रत मौलाना कयामुद्दीन,हज़रत मौलाना नज़ीर,हज़रत मौलाना जावेद की जेरे क़यादत में चादर चढ़ाई गयी। सबसे पहली चादर छत्तीसगढ़ कांकेर सैय्यद अजीज़ साहब द्वारा चढ़ाई गयी, दूसरी चादर इब्राहिम क़ुरैशी द्वारा चड़ाई गयी, बाबू क़ुरैशी द्वारा चड़ाई गयी, सगीर क़ुरैशी द्वारा चढ़ाई गयी, रफ़ीक़ मंसूरी द्वारा चड़ाई गयी, इरफान क़ुरैशी, अर्शी क़ुरैशी, संजीव यादव, विशाल खत्री, संजय जादवानी, नवीन वसगोती, बच्चा राजू कव्वाल ने नजराने अक़ीदत पेश किया। बाद नमाज़ ईशा जलसा-ए-सीरतुन्नबी मुनाकित किया गया जलसे का आगाज़ तिलावत-ए-क़ुरान ए पाक से हुआ हाफ़िज़ व क़ारी अबुल हसन साहब ने किया। जलसे की ख़िताबत हज़रत मौलाना रईसूल खैरी साहब ने किया। हज़रत मौलाना कयामुद्दीन साहब, शमसुद्दीन साहब, मौसर , कार्यक्रम की निज़ामत मौलाना मयसर ने किया। आखिर में मुल्क की अमन और शांति के लिए दुआ हुई। उर्स में मुख्य रूप से उपस्थित डॉ०शमीम साहब, रहिमुल्लाह समानी, बिस्मिल्लाह वारसी, कमरुद्दीन खा, बबलू बाबा, कलीम बाबा, इस्माइल क़ुरैशी, बाबू क़ुरैशी, आरिफ क़ुरैशी, साहिल क़ुरैशी, एहतेशाम क़ुरैशी, अर्शी क़ुरैशी, इरफान क़ुरैशी आदि लोग मौजूद थे।
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