जौनपुर/चन्दवक
संवाददाता – आनंद कुमार
बेसिक शिक्षा विभाग, जौनपुर द्वारा पी.एम. विद्यालय, अमरौना में शिक्षा जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को समर्पित एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस संयुक्त आयोजन में वृक्षारोपण, स्वच्छता पखवाड़ा और नामांकन अभियान जैसे तीन प्रमुख उद्देश्यों को एक साथ साकार किया गया।
वृक्षारोपण से प्रकृति के प्रति नजदीकी:
कार्यक्रम की शुरुआत पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ की गई। विद्यालय परिसर में मुख्य अतिथियों, शिक्षकों, छात्रों और क्षेत्रीय अधिकारियों ने मिलकर छायादार और फलदार पौधों का रोपण किया। इस पहल ने विद्यार्थियों के भीतर प्रकृति के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को मजबूती दी।
स्वच्छता पखवाड़ा बना प्रेरणा स्रोत:
इसके पश्चात स्वच्छता पखवाड़े की शुरुआत हुई, जिसमें छात्र-छात्राओं ने नारे लेखन, पोस्टर प्रतियोगिता और रैली के ज़रिए स्वच्छता का संदेश जन-जन तक पहुँचाया। अधिकारियों द्वारा स्वयं झाड़ू लगाकर सफाई करने की इस पहल ने समाज को स्वच्छता के महत्व का प्रत्यक्ष संदेश दिया।
नामांकन अभियान से मिला शैक्षिक संबल:
कार्यक्रम की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि रही 10 बच्चों का विद्यालय में नामांकन। स्वयं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल ने उनका नामांकन कर शिक्षा की अलख जगाई। यह अभियान ‘हर बच्चा स्कूल में, हर बच्चा पढ़े’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक प्रेरणास्पद कदम रहा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बच्चों में उमंग:
कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम, गीत और भाषण न केवल मनोरंजक रहे, बल्कि शिक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण जैसे गंभीर विषयों को सरलता से समझाने में सफल रहे।
विशिष्ट उपस्थिति और जनसमूह की भागीदारी:
इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल, उप जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश यादव, खंड शिक्षा अधिकारी रमाकांत सिंह, राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य रविन्द्रनाथ यादव सहित अनेक गणमान्य अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। विद्यालय परिवार, अभिभावकों और ग्रामीणों की सहभागिता ने कार्यक्रम को अभूतपूर्व सफलता प्रदान की।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का संदेश:
डॉ. गोरखनाथ पटेल ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए इसे जिले के अन्य विद्यालयों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वच्छ वातावरण और हरित भविष्य – यही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
यह आयोजन न केवल विद्यालय के लिए गौरव का विषय बना, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि जब शिक्षा, पर्यावरण और समाज मिलकर साथ बढ़ते हैं, तब बदलाव की असली बयार चलती है।