जौनपुर। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल द्वारा आज सद्भावना पुल स्थित नवदुर्गा मंदिर प्रांगण में शोक सभा और श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित था। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभा में वक्ताओं ने जताया गहरा दुःख और आक्रोश
सभा को संबोधित करते हुए विवेक सिंह ने कहा, “आतंकियों ने कायरता पूर्ण तरीके से हमला कर अमानवीय कृत्य किया है। यह केवल एक हमला नहीं बल्कि हमारे राष्ट्रीय आत्मसम्मान पर प्रहार है। भारत सरकार को चाहिए कि वह जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।”
सर्वेश जायसवाल और प्रदीप सिंह रिंकू ने संयुक्त रूप से कहा, “यह हमला अत्यंत दर्दनाक और चौंकाने वाला है। हमें इस घटना से सबक लेना होगा और राष्ट्रीय सुरक्षा को और सुदृढ़ करना होगा।”
शशांक सिंह रानू और जयकिशन साहू ने इसे निर्दोष नागरिकों पर किया गया अक्षम्य अपराध करार दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ देश को एकजुट होकर सख्त कदम उठाने होंगे।
अमित जायसवाल और योगेश साहू ने कहा, “पहलगांव में हुए इस क्रूर नरसंहार ने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया है। अब समय आ गया है कि भारत सरकार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाए। साथ ही, देश के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भी अपनी नाराजगी प्रकट करनी चाहिए।”
कार्यक्रम का संचालन और शोकसभा में उपस्थिति
कार्यक्रम का संचालन अभिताश गुप्ता ने किया। इस शोक सभा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से रवि अग्रहरि, मोतीलाल यादव, मो. दानिश, धर्मेंद्र रघुवंशी, विवेक प्रताप सेठी, धीरज गुप्ता, संतोष गुप्ता, अजीत सोनकर, दीपक केडिया, शनि साहू, प्रवीन शाह, बाल कृष्ण साहू, संतोष अग्रहरि, भुवन श्रीवास्तव, महेश सेठ, संजीव साहू, संजय जायसवाल, श्री शंकर साहू, राकेश जायसवाल, मो. बिस्मिल्लाह, सुरेंद्र मौर्य, शुभम साहू, मोहित कश्यप और सूर्य प्रकाश उपस्थित रहे।
आम जनता की आवाज
शोक सभा के दौरान उपस्थित लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की। सभी ने इस हमले को एक राष्ट्रीय त्रासदी बताया और सरकार से दोषियों को कठोरतम सजा दिलाने की अपील की।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि देशवासी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और किसी भी हाल में निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।