जीवन और मृत्यु के बीच तीन माह से संघर्ष कर रही प्रमिला की हुई मौत

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पूर्वांचल लाइफ/अनवर हुसैन

परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का लगाया आरोप

मौत के बाद हंगामा की सूचना पर पहुँची पुलिस ने लाश को कब्जे में लिया

जौनपुर। कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला आरजी सुख्खीपुर निवासी महिला की तीन माह पूर्व प्रसव के बाद से ही जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रही महिला की 16 जनवरी 2025 की शाम मौत हो गई। देर रात परिजन व स्थानीय लोगों ने हंगामा किया तब जाकर पहुँची पुलिस को लाश कब्जे में लेने के लिए काफी मशक्कत करने के पश्चात लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताते चलें कि उक्त मोहल्ला निवासी दिलीप कुमार सोनकर की पत्नी प्रर्मिला सोनकर को प्रसव पीड़ा होने पर रसूलाबाद स्थित एक निजी नर्सिंग होम में 18 अक्टूबर 2024 को भर्ती कराया गया जहां चिकित्सक के द्वारा ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन से बच्ची पैदा हुई लेकिन कुछ देर बाद ही नवजात की मृत्यु हो गई। परिजनों का कथन है कि जब से डॉक्टर ने ऑपरेशन करके प्रसव कराया था तब से महिला बेहोशी की हालत में थी। महिला को काफी दिनों तक परिवार कभी इस नर्सिंग होम तो कभी उस नर्सिंग होम का चक्कर लगा रहें थें। अंतिम बार उसे नईगंज में स्थित एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया जिसमें इलाज के नाम पर लाखों रुपए ले लिए और जब उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे जवाब दे दिया गया। निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा जवाब देने के बाद 15 जनवरी बुधवार दिन महिला की मौत हो गई।

परिवार के लोग न्याय के लिए इधर-उधर भटक रहें थें जब उन्हें न्याय नहीं मिला तो देर रात सुख्खीपुर में हंगामा खड़ा कर दिया। जैसे ही घटना की जानकारी कोतवाली पुलिस को हुई तो भारी संख्या में पुलिस के जवान मौके पर पहुंच गए और लाश को अपने कब्जे में लेकर मौत का सही कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इस संबंध में मृतका के पति दिलीप सोनकर चिकित्सक की लापरवाही के कारण महिला की हालत बिगड़ने का प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत कई उच्च अधिकारियों को दिया था लेकिन जब उसे न्याय नहीं मिला तब वह दीवानी न्यायालय की शरण में गया। जौनपुर में लगातार चिकित्सकों द्वारा बर्ती जा रही लापरवाही का कारण लोगों की मौत होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। बड़ी अजीब बात है जिले का स्वास्थ्य महकमा पहले तो नर्सिंग होम को घोर कमी बताकर सील कर देता है बाद में फिर उसे खोल दिया जाता है। ऐसे कई नर्सिंग होम को देखा गया है कि जिले के स्वास्थ्य विभाग कई बार सील और कई बार खोलने का निर्देश दिया करता है। फिलहाल में आम जनता का जीवन अब भगवान भरोसे है यहां जिले के अधिकांश बिना डिग्री के ही नर्सिंग होम चला रहे हैं ऐसा कुछ लोगों का मानना है।

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