वरिष्ठ सदस्य के निधन पर यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने की शोक सभा

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जौनपुर। यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की जनपद इकाई ने वरिष्ठ सदस्य और प्रख्यात कहानीकार व पत्रकार कुंवर यशवंत सिंह के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए एक शोक सभा का आयोजन किया। यह सभा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में यूनियन के अध्यक्ष विजय प्रकाश मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुई। सभा का संचालन यूनियन के महामंत्री संतोष कुमार संथालिया ने किया।

इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों ने दिवंगत कुंवर यशवंत सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की। उनके योगदान को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने कहा कि कुंवर यशवंत सिंह ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान बनाई और साहित्य जगत में भी अपनी कहानियों से समाज को नई दृष्टि प्रदान की। उनका निधन पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।

पहलगाम में आतंकवाद के शिकार लोगों को दी गई श्रद्धांजलि

सभा में श्रीनगर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया। घटना की निंदा करते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके प्रति शोक संवेदना व्यक्त की गई। इस दौरान सभी उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

सभा में यह मांग भी जोरदार तरीके से उठाई गई कि भारत सरकार को आतंकवाद के खिलाफ कठोर और निर्णायक कदम उठाने चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।

पत्रकारों की उपस्थिति

इस शोक सभा में यूनियन के उपाध्यक्ष और संपादक आदर्श कुमार, वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार सिंह, डॉ. यशवंत कुमार गुप्त, गंगा प्रसाद चौबे, शशि राज सिन्हा, राजेश मिश्र, सचिन श्रीवास्तव, प्रेम प्रकाश मिश्र, जुबेर अहमद, संतोष राय, विजय प्रताप सिंह, प्रोफेसर आसाराम, संजय शुक्ला, दीपक चिटकारिया, ऋतिक अरोड़ा, विद्याधर राय विद्यार्थी, लाल बहादुर यादव, प्रमोद कुमार पांडेय, अमरेश कुमार पांडेय और राजेश कुमार श्रीवास्तव समेत कई अन्य पत्रकार मौजूद रहे।

सभा के दौरान उपस्थित पत्रकारों ने न केवल दिवंगत कुंवर यशवंत सिंह के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कीं, बल्कि आतंकवाद जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए एकजुट होकर आवाज उठाने का संकल्प भी लिया।

इस प्रकार, यह शोक सभा न केवल दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि थी, बल्कि एकजुटता और सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक बनी।

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