मुद्दा : क्या नीट परीक्षा भी नहीं निकली नीट एंड क्लीन, प्रदेश में है पहले से 2011 टीईटी पास बेरोजगार

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जौनपुर! यूपी में परीक्षाओं की ग्रह दशा ठीक नहीं चल रहीं। सरकार की छवि धूमिल करने के लिए लगातार कुछ नकल माफियाओ द्वारा सभी भर्ती और सामान्य परीक्षाओं के पेपर लीक करवाएं जा रहें। प्रदेश में 2011 के ही टीईटी पास हजारों बेरोजगार पहले से सैकड़ो बार धरना दें चूके है। नौकरी की जंग हार चूके ये युवा अब कहीं चाय बेचते तों कहीं पकौड़े तलते कहीं पोस्टर चिपकाते तों कहीं विपक्ष के लिए चुनाव प्रचार करते नजर आए। सरकार ने विगत दसों वर्ष से इन युवाओं के भविष्य की चिंता नहीं की ना इन्हे कोई अवसर दिया ना इनकी सुध ली वहीं ताजा मामले में नीट परीक्षा में एक साथ 67 छात्रों के 720 मे से 720 अंक पाने पर उठ रहे सवालों पर स्थिति साफ नहीं हो पा रहीं और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच चूका है। एनटीए एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि इनमें से 44 छात्र तो फिजिक्स के एक सवाल के दो सही विकल्प होने के चलते बाद में सभी को उस सवाल के अंक दे दिए जाने और समय कम मिलने के चलते मिले ग्रेस मा‌र्क्स के चलते पूरे अंक दिए गए। इस बीच जिन छह केंद्रों के छात्रों को ग्रेस मा‌र्क्स दिए गए है, उनमें छत्तीसगढ़ के दो केंद्र बालोद व दंतेवाडा, हरियाणा का बहादुरगढ़, चंडीगढ़, मेघालय और गुजरात के सूरत के एक-एक केंद्र शामिल है। विवाद सिर्फ छह केंद्रों के करीब 16 सौ छात्रों को ग्रेस मा‌र्क्स देने का है, जिन्हें यह मा‌र्क्स परीक्षा में कम समय दिए जाने के एवज में दिए गए थे। ऐसे में पूरे मामले की नए सिरे से जांच के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी के गठित की गई है। जो एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद ही एनटीए उन्हें ग्रेस मा‌र्क्स जारी रखने या फिर इन सभी छात्रों को फिर से परीक्षा देने जैसा विकल्प दे सकता है। केंद्रों पर गलत प्रश्नपत्र वितरित होने से छात्रों को बाद दूसरा प्रश्न पत्र दिया गया। इसके चलते उन्हें परीक्षा में कम समय मिल पाया। एनटीए डीजी ने बताया कि छात्रों ने परीक्षा खत्म होने के बाद इसकी शिकायत दर्ज करायी। जिसके बाद इसकी जांच की गई और पाया गया कि उनकी शिकायत सही है। ऐसे में छात्रों को हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए कमेटी गठित की गई थी, जिसने हाईकोर्ट के पूर्व के फैसले के आधार पर ग्रेस मा‌र्क्स से इस नुकसान की भरपाई करने का सुझाव दिया। बाद में एक तय मानक के तहत इन सभी करीब 16 सौ छात्रों को ग्रेस मा‌र्क्स दिए गए। इसके चलते ही कुछ छात्रों के नंबर 718 और 719 भी मिले थे। हालांकि एनटीए ने ग्रेस मा‌र्क्स देने के न्यूनतम और अधिकतम अंक की जानकारी से जुड़े सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया। महानिदेशक ने कहा तय समय पर होगी काउंसलिंग जबकि जनपद के पत्रकार और मिडिया विश्लेषक पंकज सीबी मिश्रा ने बताया कि नीट से जुड़े विवाद पर पत्रकारों से चर्चा में शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति और सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू के साथ ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( एनटीए ) के महानिदेशक सुबोध सिंह ने बताया कि इस विवाद का काउंसलिंग प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वह अपने तय समय पर होगी। नीट यूजी 2024 के परिणाम में खामियों पर एनटीए की और से दो बार स्पष्टीकरण देने के बावजूद कोटा समेत देशभर में नीट परीक्षा निरस्त करने की मांग जोर पकड़ रही है। कोटा में न्यू कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के सदस्यों व नीट परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति के नाम एडीएम को ज्ञापन देकर परीक्षा निरस्त करने की मांग उठाई। महासचिव राजीव कुमार ने बताया कि एनटीए की ओर से 5 मई को नीट यूजी 2024 परीक्षा आयोजित की गई थी, उसका पेपर 4 मई को रात को लीक हो गया और काफी लोगों के पास इसकी प्रतिलिपि है। उसके बाद इस पेपर का रिजल्ट जारी किया गया। कंपेनसेटरी मार्क्स के कारण 6 अतिरिक्त विद्यार्थियों को परफेक्ट स्कोर 720/720 प्राप्त हुआ। प्रोविजनल उत्तर तालिकाओं पर 13373 आपत्तियां दर्ज की गईं।देशभर के मेडिकल कॉलेज प्रवेश के लिए आयोजित नीट यूजी के परीक्षा परिणाम मे ग्रेस मार्क्स देने का मामला दिल्ली और कोलकाता हाईकोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली हाईकोर्ट में श्रेयांसी ठाकुर नाम की छात्रा ने याचिका दाखिल कर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के ग्रेस मार्क्स देने के फैसले को मनमाना बताते हुए इसे चुनौती दी है। अगली सुनवाई बुधवार को होगी। नीट यूजी में इस साल 67 छात्रों को पहली रैंक मिली है। याचिका में कहा गया कि एनटीए के ग्रेस अंक देने के निर्णय से हजारों विद्यार्थी प्रभावित हो रहे है। एनटीए का निर्णय उन अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव करता है, जिन्होंने परीक्षा के नियमों का पालन किया। याचिका में इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की गई। इसके अलावा मोजूदा नतीजों के आधार पर कांसलिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है। ग्रेस मार्क्स देने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई है। ये याचिका पहले तो दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गई।लेकिन इब यह सुप्रीम कोर्ट में भी दायर हो चुकी है। याचिका में 1 हजार 563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने के फैसले को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में एनटीए के खिलाफ याचिका दायर करने वाले शख्स का नाम जरीपते कार्तिक है। कार्तिक आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं और एक परीक्षार्थी के तौर पर वह इस बार के परीक्षा में शामिल हुए। कार्तिक ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है। दिल्ली हाईकोर्ट में इस पूरे विवाद पोर 12 जून को सुनवाई तय है. सुप्रीम कोर्ट में जरीपते कार्तिक के अलावाआंध्रप्रदेश के रहने वाले अब्दुल्ला मोहम्मद फैज़ व अन्य ने भी याचिका दायर की। याचिका में 5 मई को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है और इसे नए सिरे से कराने की मांग की है। एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पिछले माह आयोजित नीट यूजी-2024 के परिणाम को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर हो गई है। इस पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। हाईकोर्ट में तनूजा यादव की ओर से याचिका दायर की गई। याचिका में कहा है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से पांच मई को आयोजित नीट यूजी परीक्षा का हाल में ही परिणाम जारी किया गया। इसमें हरियाणा, गुजरात, यूपी, राजस्थान, दिल्ली और कर्नाटक के अभ्यर्थियों ने टॉप किया। ऑल इंडिया टॉपर इन अभ्यर्थियों के रोल नंबर आसपास थे। याचिका के अनुसार, कुछ अभ्यर्थियों के परीक्षा में शत-प्रतिशत 720 अंक आए, जबकि एक प्रश्न चार अंक का होने के बावजूद कुछ अभ्यर्थियों के 719 अंक आए। इससे परीक्षा परिणाम संदेह के दायरे में है। याचिकाकर्ता का परीक्षा केन्द्र विद्याश्रम स्कूल में था और उसे आधा घंटा देरी से प्रश्न पत्र मिला। कई परीक्षा केन्द्रों पर प्रश्न पत्र देरी से मिलने के कारण अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए। याचिकाकर्ता को ग्रेस मार्क्स दिलाने की गुहार लगाई है।

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