10 दिनों तक सारे कीर्तिमान तोड़ने वाली पड़ेगी पड़ेगी – डॉ दिलीप कुमार सिंह

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जौनपुर। सूर्य की सतह पर हो रहे महा भयंकर विस्फोट उससे उत्पन्न होने वाली विद्युत चुंबकीय तरंगे और सौर ज्वालाएं सौर लपटे संपूर्ण धरती पर 13 में से 23 में तक हाहाकार मचा कर रख देंगे वैसे तो सूर्य की सतह पर महा भयंकर विस्फोट होना सामान्य प्रक्रिया है जिसमें कई अब खरब हाइड्रोजन बमों के बराबर विस्फोट लगातार होता रहता है और इन विस्फोटों का क्षेत्रफल धरती के बराबर होता है लेकिन वर्ष में एक या दो बार इसकी तीव्रता चरम पर पहुंच जाती है जैसे इस वर्ष 13 मई से 23 मई तक यह चरम पर रहेगी जिसके परिणाम स्वरुप सूर्य की सतह से महा भयंकर आग की लपटे 10 लाख किलोमीटर से 1 करोड़ किलोमीटर तक फैलेंगे और सब कुछ जलाकर तहस-नहस कर देंगे इसका भयंकर असर संपूर्ण पृथ्वी पर पड़ेगा भारत चीन पाकिस्तान बांग्लादेश अरब देशों अमेरिका की मृत घाटी के अलावा संपूर्ण विश्व के सागर महासागर महाद्वीप पर इसका प्रभाव पड़ेगा इसलिए इस कालखंड में भारत ही नहीं जौनपुर ही नहीं सारी दुनिया में तापमान अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच जाएगा इसके मोबाइल टावर टेलीविजन टावर मोबाइल और टीवी सेट के अलावा दुनिया भर की विद्युत चुंबकीय प्रक्रियाओं पर देखने को मिलेगा।

मई महीने का प्रारंभिक 10 दिन मिला-जुला रहा जबकि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में भयानक गर्मी 45 डिग्री सेल्सियस पार कर गई थी जिसमें 5 / 6 दिनों तक गर्मी कम पडी लेकिन 13 मई से लेकर 23 मई तक और फिर दो-तीन दिन थोड़ी कम गर्मी के बाद मई के अंत तक प्रचंड भयानक और सारे कीर्तिमान को तोड़ देने वाली त्वचा झुलस देने वाली शरीर को जला देने वाली खून को खौला देने वाली गर्मी पड़ने जा रही हैं जिसमें सारे एसी कूलर पंखा सब फेल हो जाएंगे और गर्मी बिजली के न रहने पर नाजुक हो गए मानव जाति के लिए घातक हो जाएगी इसलिए अभी से सावधान हो जाएं क्योंकि इस महा भयंकर गर्मी में कोई परिवर्तन नहीं होने वाला है और यह सामान्य गर्मी नहीं है।

13 मई को तापमान 42 डिग्री 14 मई को 43 डिग्री 15 मई को 44 डिग्री सेल्सियस पार हो जाएगा और 16 से 20 मई तक महा भयंकर गर्मी जिसमें तापमान 45 से 47 डिग्री सेल्सियस उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगा जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस बना रहने से गर्मी और भी बढ़ जाएगी हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान और विज्ञान अनुसंधान केंद्र के अनुसार 17 में शुक्रवार को तापमान 45 डिग्री सेल्सियस 18 में शनिवार को 46 डिग्री सेल्सियस और 19 में रविवार को 47 डिग्री सेल्सियस का महा भयंकर कल्पना से परे का आंकड़ा छू सकता है इसी के साथ अल्ट्रावायलेट किरणों की तीव्रता 10 से 12 के बीच चरम पर होगी और तेज सुखी हवाएं गर्मी को चरम पर पहुंचा देंगे।

13 मई से 15 मई तक पूर्वी उत्तर पूर्वी हवाएं चलेंगी जिस नमी और गर्मी पसीना भयंकर रहेगा 15 मई से हवा की दिशा बदलकर पछुवा हो जाएगी और प्रचंड गर्मी अपने चरम शिखर पर पहुंच जाएगी और तापमान 47 डिग्री के महा भयंकर स्तर को भी पार कर सकता है पश्चिमी उत्तर पश्चिम मध्य भारत और उड़ीसा में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से 51 डिग्री सेल्सियस के प्रतिमान वाले स्टार को भी पार कर सकता है विशेष रूप से उड़ीसा महाराष्ट्र दक्षिणी पठार बंगाल बिहार छत्तीसगढ़ उत्तर प्रदेश राजस्थान और जम्मू पंजाब हरियाणा दिल्ली प्रभाग में 10 दिनों की गर्मी अत्यंत ही भयानक और प्रचंड रहेगी।

इसी बीच प्रदूषण की अत्यधिक मात्रा वायु के कणों में पीएम 2.5 और पी म 10 के अधिक होने से प्लास्टिक और कूरा कचरा का ढेर लगने से हरियाली और जंगल तथा पेड़ पौधों के न होने से चारों तरफ फैले हुए कंक्रीट और सीमेंट के जंगल दहकती हुई भट्टी बन जाएंगे और चारों ओर हाहाकार मच जाएगा 23 मई से 27 मई के बीच मौसम में थोड़ी सी राहत मिलेगी और अधिकतम तापमान घटकर 40 से 42 डिग्री सेल्सियस आ जाएगा लेकिन जल्दी ही फिर से गर्मी चरम पर पहुंच जाएगी।

13 में से लेकर 31 में के बीच संपूर्ण भारत उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम और मध्य प्रचंड कल्पना से पड़े कीर्तिमान बनाने वाली गर्मी से झूलता रहेगा और भारत के कई स्थानों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से 51 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम स्तर को पार कर जाएगा रेडियोएक्टिव करने से युक्त सौर ज्वालामुखी यह गर्मी काफी विनाशकारी क्षमता रखती है जिसके कारण मैं के इस कालखंड में दुनिया में ज्वालामुखी विस्फोट भयानक भूकंप सुना में लहरें हिंसा और उन्माद का वातावरण तथा युद्ध की तीव्रता जैसे अचानक कल्पना से परे की घटनाएं हो सकती हैं सबसे अधिक नुकसान अमेरिका रूस यूरोप और चीन का होगा।

दक्षिण भारत के पठारों पर आंध्र तेलंगाना महाराष्ट्र उड़ीसा मा गुजरात राजस्थान मध्य प्रदेश बिहार झारखंड छत्तीसगढ़ बंगाल उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा राजस्थान दिल्ली यहां तक की पहाड़ी क्षेत्रों में जम्मू और उत्तराखंड के आधे भाग भीषण और प्रचंड गर्मी की मार से बुरी तरह आक्रांत रहेंगे इस कालखंड में दो-तीन बार आंधी तूफान प्रचंड हवाएं चलेंगे और एक दो बार हल्की बूंदाबादी वर्ष भी गलत चमक के साथ होगी लेकिन यह भी इस गर्मी के वेग को रोक नहीं पाएंगे कुल मिलाकर यह कालखंड पूरे भारत जौनपुर और उत्तर प्रदेश के लिए दिन में ही तारे दिखा देने जैसा होगा।

पृथ्वी के स्वर्ग कश्मीर से समुद्र के स्वर्ग कन्याकुमारी वर्षा और हरियाली के स्वर्ग आश्रम चेहरा पूंजी की पहाड़ियों से लेकर वीरता और शुष्कता के स्वर्ग राजस्थान में हाहाकार मच जाएगा इस समय सूर्य पर हो रहे प्रचंड विस्फोट और उससे निकलने वाली लाखों किलोमीटर लंबी सौर ज्वाला है और सौर कलंक तथा विद्युत चुंबकीय रेडिएशन धरती पर हाहाकार मचा देंगे भारत ही नहीं अपितु तिब्बत चीन संपूर्ण अफ्रीका 90 प्रतिशत यूरोप और आधे अमेरिका और विषुवत रेखा भागों पर इसका भयानक प्रभाव पड़ेगा इसके प्रभाव से केवल टुंड्रा कनाडा ग्रीनलैंड अंटार्कटिका न्यूजीलैंड और दक्षिण अमेरिका तथा दक्षिण अफ्रीका बच पाएंगे मुंबई जैसे महानगरों में भयानक आंधी पानी आने का अनुमान किया जाता है।

इस कालखंड में विश्व के अनेक भागों विशेष कर हिंद और प्रशांत महासागर में ज्वालामुखी विस्फोट भयानक भूकंप सुनामी लहरों के और अमेरिका यूरोप एशिया के कई खंड में भयानक चक्रवात बवंडर आंधी तूफान आने की भयानक आग लगने की घटनाएं घटित होंगे और यह कम आने वाले समय में भी रुकने वाला नहीं है क्योंकि आज का पढ़ा लिखा वैज्ञानिक मानव वह सब कुछ कर रहा है जिस धरती पर ग्रीन हाउस इफेक्ट और ओजोन की परत में वृद्धि हो इसलिए आगे आने वाले वर्षों में स्थित विनाशकारी होगी। “डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह”

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