मुंबई. यादव समाज की सबसे बड़ी और पुरानी संस्था यादव संघ मुंबई का चुनाव 7 जनवरी को ही होगा. उल्लेखनीय है कि 7 जनवरी को होने वाले संघ के चुनाव पर रोक लगे इसके लिए एक गुट द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसे मुंबई उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया. रविवार को होने वाला यादव संघ का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. चर्चा है कि इस चुनाव में बीजेपी व सपा जैसे राजनीतिक दल भी अपना राजनीतिक वर्चस्व साधने में लग गए हैं. बीजेपी और सपा उ यादव संघ मुंबई पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है. मुंबई एवं आसपास यादव समाज के एक बड़े वोट बैंक को देखते हुए बीजेपी यादव संघ मुंबई के चुनाव में परदे के पीछे से विशेष रूप से कब्जा जमाने की कोशिश में है. बीजेपी और सपा सहित दूसरे दलों के अन्य समाज के नेता भी संघ के चुनाव में रूचि दिखा रहे हैं. इसके पहले यादव संघ मुंबई के चुनाव का मुद्दा हाईकोर्ट तक पहुंच गया. आखिरकार हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगाने से इंकार कर दिया.सपा बनाम बीजेपी की लड़ाई
इस बार यादव संघ मुंबई का चुनाव बीजेपी व सपा समर्थकों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. संघ के अध्यक्ष रहे भिवंडी के पूर्व सपा नगरसेवक अजय यादव के यदुवंशी एकता पैनल के सामने मुंबई में बीजेपी की पूर्व नगरसेविका सुनीता यादव के पति रामनगीना यादव का यादव संघ प्रगति पैनल है. रामनगीना के समर्थन में बीजेपी के कई नेता व पूर्व नगरसेवक प्रचार में लगे हुए हैं, जबकि साकीनाका के सुरेंद्र यादव योगिराज विकास पैनल के साथ ताल ठोंक रहे हैं. यादव संघ के अध्यक्ष एवं यूपी से विधायक रहे श्यामनारायण यादव के पुत्र एड.सुभाष यादव और अवधेश यादव भी मैदान में हैं. इस बार अलग -अलग पैनल से दो पत्रकार विनोद यादव एवं विजय यादव भी मैदान में हैं. अजय यादव सपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं एवं पहले भी संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. अपनी ईमानदार छवि के चलते समाज में अच्छी पैठ रखने वाले संघ के पूर्व अध्यक्ष अजय यादव मुंबई , ठाणे ,कल्याण , भिवंडी, नाशिक , अहमदनगर सहित अन्य शहरों एवं उपनगरों में रहने वाले 13 हजार 784 यादव समाज के वोटरों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं. उधर बीजेपी के कुछ प्रदेश पदाधिकारी व पूर्व नगरसेवक भी रामनगीना यादव के पक्ष में जोर लगा रहे हैं. इस तरह यह चुनाव बीजेपी बनाम सपा होता दिख रहा है.