संवाददाता निशांत सिंह
जौनपुर। सड़क सुरक्षा को लेकर अब प्रशासन ने कड़ा रुख अख़्तियार कर लिया है। प्रदेश सरकार की ओर से “नो हेलमेट-नो फ्यूल” अभियान पहली सितम्बर से पूरे उत्तर प्रदेश में लागू हो चुका है। इसके तहत अब दोपहिया वाहन चालक यदि पेट्रोल पम्प पर बिना हेलमेट पहुंचे तो उन्हें पेट्रोल नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ेगा। यह अभियान पूरे महीने यानी 1 से 30 सितम्बर तक सख़्ती से चलेगा।
जौनपुर जनपद में भी सभी पेट्रोल पम्प संचालकों को निर्देशित किया गया है कि दोपहिया वाहन चालकों को ईंधन तभी दिया जाए, जब वे हेलमेट पहने हों।
क्यों उठाया गया यह कदम?
आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में पंजीकृत वाहनों में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी दोपहिया वाहनों की है। सड़क हादसों में होने वाली मौतों का बड़ा कारण सिर पर गंभीर चोट है, जो हेलमेट न पहनने से होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चालान से बचने के लिए बहुत से लोग घटिया और ग़ैर-मानक (BIS सर्टिफाइड नहीं) हेलमेट पहनते हैं, जो दुर्घटना के वक्त कोई सुरक्षा नहीं दे पाते।
अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का मकसद सिर्फ़ जुर्माना भरवाना या लोगों को परेशान करना नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षा की आदत डालना है। प्रशासन का कहना है कि यदि लोग हेलमेट पहनने को मजबूर होंगे तो धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन जाएगी और सड़क हादसों में मौतों का आंकड़ा घटेगा।