हवस के पुजारियों ने जिला अस्पताल में भटक रही विक्षिप्त युवती को भी नहीं बक्शा
जौनपुर! नगर कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय के प्रांगण में विगत कुछ माह पूर्व भटक कर पहुँची एक विक्षिप्त युवती इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। बताते चलें कि वह विक्षिप्त युवती कही अन्य जगह से भटक कर जब जिला अस्पताल पहुँची थी तो उस समय उसके शरीर की स्थिति देखने में सामान्य थी किन्तु कुछ माह व्यतीत होने पर लोगो द्वारा बताया गया कि कुछ माह से उसके शरीर में बहुत बदलाव दिखाई देने लगा, जिससे यह पता चला कि वह पेट से हैं, मतलब गर्भवती हो गई है। वहीं सबसे बड़ा सवाल यह उत्पन्न होता है कि उसे किसने गर्भवती बनाया उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का पिता कौन है ? क्या प्रदेश की योगी सरकार के नारी सम्मान, सुरक्षा व स्वाभिमान को प्रोत्साहित करने के संकल्प की जिम्मेदारी को बखूबी से जिला प्रशासन द्वारा निर्वाहन किया जा रहा हैं?
एक विक्षिप्त युवती के साथ किसने यह घिनौना कृत्य किया हैं जो अपने में हैं एक बड़ा सवाल, क्या यही है नारी सुरक्षा,नारी स्वावलम्बन,नारी का सम्मान? जौनपुर जिले के हर वह जिम्मेदार नागरिक/हर वह समाजसेवी/तमाम जन प्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के सुरक्षा एवं सम्मान हेतु चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी योजनाओं में चढ़ बढ़कर हिस्सेदारी निभाते हुए उसे सकार करें जिससे महिला स्वावलम्बन का मतलब नारी मुक्ति नहीं बल्कि नारी शक्ति हो। लेकिन उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में एक विक्षिप्त युवती के साथ ऐसे कारनामा हुआ है जो अब प्रकाश में आया है जो सरकार द्वारा चलाए गए नारी सुरक्षा, नारी स्वावलम्बन, नारी शक्ति जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को तार-तार करने का कृत्य किया गया है जो जिला प्रशासन के लिए भी बेहद शर्मसार मामला हैं।
ऐसे में यह सवाल उठता है कि जहाँ एक तरफ सरकार द्वारा महिलाओं एवं युवतियों की सुरक्षा को लेकर एक से बढ़कर एक योजनाएं चलाई जा रही है तो वही दूसरी तरफ महिलाओं एवं युवतियों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन कितना मुस्तैदी दिखा रहा है यह स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है कि एक विक्षिप्त युवती के साथ किसी ने घिनौना कृत्य कर उसे गर्भवती बनाया है। जो बना चर्चा का विषय। इस प्रकार से एक विक्षिप्त युवती के साथ ऐसा कुकर्म होना कहीं ना कहीं जिला प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा करता है। बताते चलें कि वर्तमान समय में उक्त विक्षिप्त युवती जिला अस्पताल के लवारिश वार्ड में रखी गई है। क्या जनपद के उन तमाम सामाजिक संस्थाओं/समाजसेवियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा एक विक्षिप्त युवती के लिए किसी प्रकार की कोई सहानुभूति दिखाई जाएगी जिससे जिला प्रशासन कुंभकर्णी निन्द्रा से जागेगा और उस विक्षिप्त युवती के साथ हुए शर्मनाक कृत्य के दोषियों पर कठोर कार्यवाही करेगा? आखिर उक्त विक्षिप्त युवती के सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी हैं?