जौनपुर।
विकासखंड करंजाकला क्षेत्र के नसरुद्दीनपुर गांव स्थित अस्थाई गौशाला में प्रशासनिक लापरवाही का दर्दनाक चेहरा सामने आया है। इलाज के इंतजार में तड़पती एक बीमार गाय की मौत हो गई, लेकिन मौके पर न तो पशु चिकित्सा अधिकारी पहुंचे और न ही अन्य जिम्मेदार अफसरों ने कोई संज्ञान लिया।
स्थानीय लोगों के अनुसार गौशाला में कई दिनों से गंदगी फैली हुई है। पशुओं की देखरेख के नाम पर सिर्फ सूखा भूसा दिया जा रहा है — न हरा चारा, न चुनी। ऐसे हालात में एक गाय गंभीर रूप से बीमार पड़ी रही, लेकिन समय रहते इलाज नहीं मिला।
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने पुष्टि की कि उनके दो पैरा वेट एवं प्रशुधन प्रसार अधिकारियों से सूचना मिली थी कि गाय की मृत्यु हो चुकी है। इस संबंध में ग्राम प्रधान व सचिव को सूचित कर दिया गया है।
ग्राम सचिव से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। मुख्य विकास अधिकारी और जिलाधिकारी को भी कॉल किया गया, लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया।
स्थानीय ग्रामीणों में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि गौशाला में पशुओं की लगातार अनदेखी की जा रही है, और अधिकारी इस संवेदनशील मुद्दे पर पूरी तरह मौन हैं। अगर जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो अन्य जानवरों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।