ऐतिहासिक भेलहिया मेले का भव्य समापन, 40 समाजसेवियों को मिला सम्मान

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निःशुल्क प्याऊ से सैकड़ों ने बुझाई प्यास, क्षेत्रीय संस्कृति और एकता का दिखा अद्भुत संगम

जौनपुर (मल्हनी)।
दीपावली के शुभ अवसर पर सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के गिरधरपुर गांव में आयोजित ऐतिहासिक भेलहिया मेला मंगलवार को पारंपरिक उत्साह और उमंग के बीच संपन्न हुआ। शताब्दियों पुरानी परंपरा को सहेजे यह मेला आज भी लोक संस्कृति, सामाजिक एकता और आपसी भाईचारे का जीवंत प्रतीक बना हुआ है।

मेले के अंतिम दिन आयोजित भव्य सम्मान समारोह में समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 40 समाजसेवियों को प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि करंजाकला ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सुनील यादव ‘मम्मन’ ने सम्मानित लोगों को बधाई देते हुए कहा—
“समाज में सेवा भावना ही सच्ची पूजा है। ऐसे आयोजन समाज को प्रेरित करते हैं और नई ऊर्जा प्रदान करते हैं।”

ग्राम प्रधान आयज शेख ने बताया कि दीपावली पर लगने वाला भेलहिया मेला अब क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। इस वर्ष भी मेले में श्रद्धालुओं, दुकानदारों और आगंतुकों की भारी भीड़ उमड़ी। उन्होंने कहा कि मेले का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज में सेवा और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि द्वारा निःशुल्क प्याऊ का उद्घाटन किया गया, जहां सैकड़ों लोगों ने ठंडे पानी से अपनी प्यास बुझाई। इस अवसर पर सुनील यादव ने जल संरक्षण का संदेश देते हुए कहा कि—
“जल जीवन का आधार है, इसका संरक्षण हर नागरिक का दायित्व है।”

समाजसेवी विनय कुमार व विशाल कुमार ने संयुक्त रूप से समारोह का सफल संचालन किया। उन्होंने कहा कि समाज में सकारात्मक सोच और सहयोग की भावना को मजबूत करने के लिए ऐसे कार्यक्रम आवश्यक हैं।

“सम्मान समाजसेवियों के कार्यों की सराहना के साथ-साथ दूसरों को प्रेरित करने का माध्यम भी है।”

इस मौके पर औरही ग्राम प्रधान बेचू लाल, डॉ. एल.के. विश्वकर्मा, राहुल, गुड्डू, दीपक, सन्नी विश्वकर्मा, अंकित कुमार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

पूरे दिन मेला परिसर में श्रद्धालुओं और आगंतुकों की चहल-पहल बनी रही। लोगों ने पारंपरिक झूले, स्टॉल, मिठाई और खिलौनों का आनंद लिया। कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित नागरिकों ने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि —
“भेलहिया मेला हमारी संस्कृति और परंपरा को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”

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