मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता यादव ने जताई कड़ी नाराज़गी, पुलिस अधीक्षक से मांगी रिपोर्ट
जौनपुर।
न्यायिक आदेशों की लगातार अवहेलना पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता यादव ने दो थानाध्यक्षों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए उनके वेतन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाने का निर्देश जारी किया है। यह कदम न्यायालय के आदेशों की अवमानना के गंभीर मामलों को देखते हुए उठाया गया है।
पहला मामला: कोतवाली थाना क्षेत्र——–
मामला राजेश्वर सोनकर बनाम पुल्लू से संबंधित है, जिसमें न्यायालय ने 20 अप्रैल 2021 को एनसीआर संख्या 15/2024 की विवेचना हेतु पुलिस अधीक्षक को 29 मई 2025 तक प्रगति आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। लगातार रिमाइंडर और स्पष्टीकरण मांगने के बावजूद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मिथीलेश मिश्रा द्वारा कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई। इसे न्यायालय ने आदेश की अवमानना मानते हुए उनका वेतन रोकने का निर्णय लिया।
दूसरा मामला: केराकत थाना क्षेत्र——–
यह मामला वादी कैलाश यादव द्वारा वाहन संख्या UP-62-AV-5613 को मुक्त कराने से संबंधित है। न्यायालय ने 29 अप्रैल 2025 को चालानी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट न आने पर 13 मई को फिर आदेश दिया गया, लेकिन थाना प्रभारी अवनीश कुमार राय द्वारा रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई। न्यायालय ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उनका वेतन भी रोकने का आदेश पारित किया।
पुलिस अधीक्षक को न्यायालय का निर्देश——-
दोनों ही मामलों में न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि संबंधित थानाध्यक्षों की लापरवाही के संबंध में विस्तृत जानकारी न्यायालय को तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
न्यायिक चेतावनी: आदेशों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं
न्यायिक सूत्रों के अनुसार, यह कार्यवाही पुलिस महकमे को एक कड़ा संदेश है कि न्यायालय के आदेशों की अवहेलना को कतई सहन नहीं किया जाएगा। अदालत ने स्पष्ट किया है कि न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की ढिलाई अस्वीकार्य है।