आस्था : यहाँ मुश्लिम भी है भगवान गणेश के दीवाने, कई जगह सजे पांडाल

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पूर्वांचल लाईफ न्यूज/पंकज सीबी मिश्रा

जौनपुर : गणेशोत्सव मुंबई का प्रसिद्ध त्योहार माना जाता रहा है किन्तु अब यह धीरे धीरे पूरे देश में प्रसारित हो गया है। पूर्वांचल सहित पूरे प्रदेश में इन दिनों गणेश उत्सव की धूम देखी जा रही। क्या हिन्दू क्या मुश्लिम सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग इस पवित्र पर्व पर एक साथ गणपति बप्पा मोरया गा रहें। प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार पंकज सीबी मिश्रा नें बताया कि भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्ति, विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश का आगमन होता है। यह तिथि उनके जन्म से जुड़ा है और इसी मुहूर्त में उनका जन्म हुआ था। बाल्यकाल में ही बुद्धिमता के देव श्री गणेश नें अपने माता-पिता की परिक्रमा लगा खुद को सर्वमान्य और प्रथम पूज्य कर लिया। सामाजिक सन्देश यह था कि सांसारिक सुखो के पीछे चक्कर लगाने से बेहतर है माँ बाप के चक्कर लगाकर उनकी सेवा कर ली जाए। इसी के कारण शिव-पार्वती ने उन्हें विश्‍व में सर्वप्रथम पूजे जाने का वरदान दिया था। तभी से भारत में गणेश पूजा का प्रचलन है और आज मुश्लिम भी गणेश के दीवाने है। हिन्दुओं के देवाधिदेव महादेव के पुत्र श्री गणेश का स्थान सर्वोच्च और विशिष्ट है। कोई भी धार्मिक उत्सव, यज्ञ, पूजन, समारोह इत्यादि या फिर विवाहोत्सव या अन्य मांगलिक कार्य गणेश जी की पूजा के बगैर शुरू नहीं होता। निर्विघ्न कार्य संपन्न हो इसलिए शुभ के रूप में गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। गणेश सर्वमान्य देव के रूप में स्थापित है। भगवान शिव ने जहां कैलाश पर धूनी रामया, डेरा जमाया, तो बड़े पुत्र स्कन्द अर्थात कार्तिकेय को दक्षिण भारत की ओर कल्याणार्थ भेजा गया। पश्चिम में स्वयं गणेश भक्तों के सर्व कार्य सिद्धि का जिम्मा उठाया। और माता पार्वती दक्षिण दिशा में अनंतकाल से भक्तों को दर्शन दें रही। उधर हिन्दू तो हिन्दू मुश्लिम भी गणेश पूजा और भक्ति का आंनद उठाते है। गुजरात में अनीश कुरैशी और उनका परिवार अपनी सुख और समृद्धि को भगवान गणेश का आशीष मानता है। गुजरात में पंचमहल जिले के शिवराजपुर गांव में रहने वाला अनीश कुरैशी का परिवार अपने घर में हर वर्ष गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की छोटी सी मूर्ति की स्थापना करता है।शिवराजपुर गोधरा से महज 60 किमी की दूरी पर स्थित है। बीते वर्ष अलीगढ़ की रूबी आसिफ खान के परिवार के खिलाफ गणेश पूजन के कारण फतवा जारी करने की धमकी मिली थी। रूबी ने अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करती रहती थी। उधर जौनपुर जिले के केराकत विकासखंड के टंडवा गांव में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल सामने आई। यहां मुस्लिम परिवार ने अपने घर के अंदर लगातार चौथे साल गणेश की प्रतिमा को स्थापित कर लोगो के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। टंडवा का यह मुश्लिम परिवार गणेश प्रतिमा को 7 दिन अपने घर में रखेंगा और उसके बाद विधि- विधान से विसर्जन करेंगा।केराकत थाना क्षेत्र के टंडवा गांव निवासी अशरफ हाशमी अपने घर में भगवान गणेश की प्रतिमा को पूरे विधि- विधान से स्थापित कराते हैं। पूरा परिवार व गांव मिलकर गणपति की पूजा करता है। अशरफ हाशमी महज 22 वर्ष के है और फिरोज हाशमी के पुत्र है जो पिछले चार साल से गाजे- बाजे के साथ गणपति प्रतिमा स्थापित कराते है। अशरफ ने बताया कि जब तक विघ्नहर्ता की कृपादृष्टि रहेगी तब तक वे प्रतिमा स्थापित करते रहेंगे। गांव के ही आलोक चौबे द्वारा अशरफ के घर में सातों दिन पूजा कराई जाती है। अशरफ ने बताया कि सात दिनों तक वो और उनका परिवार फलहार करते हैं। पूरी साफ-सफाई के साथ विघ्नहर्ता को पूजते हैं। प्रतिमा सिंधौरा बाजार से लाई जाती है और विसर्जन के दिन स्थानीय प्रशासन द्वारा नियत स्थान पर पूरे विधान से विसर्जित की जाती है।

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