जौनपुर। इस्लामिक महीना रबीउल अव्वल का चांद नजर आ गया है इसके बाद शहर में हर तरफ जश्ने यौमुन्ननबी का परचम बुलंद कर दिया गया।रबीउल अव्वल का चांद दिखते ही चारो तरफ आमदे मुस्तफा की धूम मच गई, मरकजी सीरत कमेटी के संरक्षक अनवारूल हक गुड्डू ने बताया की हजरत मोहम्मद मुस्तफा स अ व का मदीना में इनका रोजा मुबारक है यह इस्लाम के आखरी रसूल और पैगंबर थे। और पवित्र आसमानी किताब कुरान उन पर नाजिल हुई थी।
परंपरागत रूप से कहा जाता है कि उनका जन्म 570 ई में मक्का में हुआ था और उनका पर्दा 632 में मदीना में हुआ, जहाँ उन्हें 622 में अपने अनुयायियों के साथ प्रवास करने के लिए मक्का वालो के द्वारा मजबूर किया गया था।बाद में उन्होंने मक्का फतेह भी किया था। इस्लाम हजरत आदम अलैह सलाम से शुरू होता है, कुरान के मुताबिक लगभग एक लाख चौरासी हजार रसूल और पैगंबर इस्लाम का प्रचार व प्रसार करने के लिए दुनिया में समय समय पर आए है।
इस मौके पर श्री अकरम मंसूरी सचिव मरकजी सीरत कमेटी ने बताया की दुनिया में अब कयामत तक कोई नया पैगंबर और रसूल नहीं आएगा इस्लाम एकेश्वरवाद पर विश्वास करता है और ईश्वर की इबादत के अलावा किसी की भी इबादत को मान्यता नहीं देता। पैगंबर के जन्म “को ही जश्ने यौमुन्नबी के नाम से जाना जाता है जो जौनपुर में इस्लामी रबी उल अव्वल के 12 तारीख को बड़े ही धूमधाम से मनाया जायेगा।
वही शहर के कोतवाली के सामने किदवई पार्क में 12 दिन के होने वाले मिलाद उल नबी का कार्यक्रम संरक्षक असलम शेर खां और सदर जावेद अजीम की सदारत में शुरू हो चुका हैं जो सेंट्रल सीरत कमेटी के बैनर तले होता हैं।
इस मौके पर मुख्य रूप से मरकजी सीरत कमेटी के पूर्व सदर शौकत अली मुन्ना राजा, मास्टर मेराज, नूरुद्दीन, रियाजुल हक, बख्तियार, कमालुद्दीन अंसारी, अजीज फरीदी, माजिद निसार, अबुजर शैख सभासद आदि लोग मौजूद रहे।