“लोकसभा प्रत्याशियों के नामांकन में धड़ल्ले से कागजी गड़बड़ी दिखाकर नामांकन रद्द की जा रही है: राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामानुज सिंह”
गाजियाबाद ( उत्तर प्रदेश) : राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामानुज सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार को आडे हाथ लेते हुए लोकसभा प्रत्याशियों के नामांकन में अनियमितता और गड़बड़ी करने का सीधा आरोप लगाया है।उन्होंने गाजियाबाद स्थित अपने मुख्यालय से मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर अपने जिम्मेदारियां का वहन ठीक से नहीं कर रहे हैं और कानून की धज्जियां उड़ते हुए गैर बीजेपी एवं पढ़े-लिखे युवा लोकसभा प्रत्याशियों के नामांकन को खारिज कर रहे हैं।उन्होंने अपने एक गोरखपुर लोकसभा के प्रत्याशी जितेंद्र सिंह और गाजियाबाद की प्रत्याशी बहन मोनिका गौतम का हवाला देते हुए कहा कि दोनों जनपदों के रिटर्निंग ऑफिसर जानबूझकर उनके प्रत्याशियों के नामांकन को खारिज कर दिया है ताकि बीजेपी के प्रत्याशी को चुनाव जीतने में सहूलियत मिले।
राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामानुज सिंह ने यह भी कहा कि वह चुप नहीं रहेंगे और इस मामले को भारत निर्वाचन आयोग के सामने उठाएंगे। उन्होंने कहा कि मामला अत्यंत गंभीर है और सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि कई प्रदेशों में जहां भारतीय जनता पार्टी का शासन है ,वहां लोकसभा प्रत्याशियों को चकमा देकर उनका नामांकन खारिज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरेआम प्रत्याशी घोषित करने से रोका जा रहा है। इस मामले में गोरखपुर के लोकसभा प्रत्याशी के नामांकन भरने वाले जितेंद्र सिंह ने कहा , “पहली बार ईस्कूटनी के बाद दूसरा अवसर जानबूझकर के नहीं दिया गया। मैं एक इंजीनियर हूं और सब कुछ छोड़-छाड़ कर राजनीति में प्रवेश किया हूं ताकि एक सांसद के रूप में के लोगों के अधिकारों की रक्षा कर लोगों की सेवा कर सकूं। लेकिन, नामांकन के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में जो अनियमितता चल रही है, वह चौका देने वाली है।” उन्होंने आगे कहा कि यह पूरा मामला भारत निर्वाचन आयोग को संज्ञान में लेना चाहिए और ऐसी घटनाओं मे लापरवाही या जानबूझकर कानूनी काम करने वाले अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। ऐसे लोग राजनीति में साफ सुथरे तथा पढ़े-लिखे लोगों को आने से रोक रहे हैं जो देश के लिए एक दुर्भाग्य की बात है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामानुज सिंह ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा, “जब मैं मामले पर जब गोरखपुर रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय से संपर्क करने की कोशिश की तो कोई भी अधिकारी इसके बारे में सही जानकारी देने के लिए सामने नहीं आया। लोगों ने रिटर्निग ऑफिसर से बात करने से सीधे मना कर दिया। जिन अधिकारियों ने टेलीफोन को उठाया उनकी भाषा और व्यवहार एक डिक्टेटर जैसे लगी जो एक अत्यंत चिंताजनक बात है।” उन्होंने आगे कहा, “भारत निर्वाचन आयोग के गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाते पदासीन अधिकारी भारत के संविधान और संवैधानिक अधिकारों की मिट्टी पलीद करने में लगे हैं। सरकारें तो आती जाती हैं लेकिन जो सिस्टम है, हमेशा सभी के लिए साफ सुथरा और निष्पक्ष शिवाय देता है और उसे हमेशा लोकहित व्यवस्था देते हुए नियमानुसार कार्य करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।”
उन्होंने अंत में मीडिया से कहा,”यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हर जगह सत्ताधारी सरकारें अपनी रोटी सेकने में लगी है और सिस्टम उसी अनुसार से नाच रहा है।” उन्होंने कहा कि इसी के रंग में देशभर के अधिकांश नौकरशाह अब रंगते दिखाई दे रहे हैं। रामानुज सिंह ने पश्चिमी दिल्ली में अपने पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी के नामांकन की बात बताते हुए कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अगर हो तो पश्चिमी दिल्ली के जिला अधिकारी जैसा हो।